India के युवा ऑल‑राउंडर Washington Sundar (वॉशिंगटन सुंदर) ने चौथे टेस्ट मैच (Old Trafford, Manchester) में अपनी पहली टेस्ट सेंचुरी 101* रन की वीरतापूर्ण पारी खेलकर India को मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई। मगर उनकी इस उपलब्धि के बावजूद, उनके पिता M. Sundar (एम. सुंदर) ने टीम चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
पिता ने क्या कहा?
- Washington ने लगातार शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन लोगों की याददाश्त कमज़ोर हो जाती है, उनके पिता ने कहा कि उनकी उपलब्धियों को लोग भूल जाते हैं।
उन्होंने आगे जोर देकर कहा:
“Other players get regular chances, only my son doesn’t get them. Washington को नंबर 5 पर स्थायी रूप से बल्लेबाज़ी करनी चाहिए और उसे पांच से दस लगातार मैच खेलने के मौके मिलने चाहिए।”
उसके पिता ने बताया कि उन्हें इसलिए टीम से बाहर कर दिया जाता है क्योंकि उन्होंने एक‑दो मैच खराब खेले—यह बिल्कुल अनीति है।
उन्होंने याद दिलाया कि Washington ने 2021 में Chennai में बल्लेबाज़ी करते हुए unbeaten 85 और Ahmedabad में 96* रन बनाए थे, फिर भी उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था—even if those had been centuries.

IPL और domestic cricket में भी Washington को लगातार मौके नहीं मिले।
उन्होंने Ahmedabad (Gujarat Titans) को भी निशाने पर लिया, जहां Washington को केवल 6 में से 6 मैचों में मैदान मिला। उन्होंने कहा:
“Even his current team (GT) don’t give him regular chances. Look at Yashasvi Jaiswal की कहानी—उसे लगातार मौके मिल रहे हैं, लेकिन Washington नहीं।”
खेल में हुआ क्या?
- Old Trafford Test (Day 5) में Washington ने Ravindra Jadeja (रविंद्र जडेजा) के साथ 203 रनों की नाबाद साझेदारी की, और अपनी पहली Test सेंचुरी 101* रन पर पूरी की। इस पारी ने India को हार से बचाया।
हालाँकि Washington का यह प्रदर्शन शानदार था, मगर selectors ने उन्हें पहले Test मैच (against England) से बाहर रखा था, जिससे उनके पिता काफी दुखी हैं।
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निष्कर्ष:
Washington Sundar की शानदार पारी ने साबित किया कि वह Test cricket में एक अहम ऑल‑राउंडर बन सकते हैं। लेकिन उनके पिता M. Sundar की शिकायत दर्शाती है कि खिलाड़ी की निरंतरता और प्रदर्शन को सही मौके और सम्मान नहीं मिल रहा है। अगर selectors उन्हें स्थायी मौका देते, तो शायद India को भविष्य में और बेहतर खिलाड़ी मिलते।